केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने 01 अप्रैल 2021 को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड का घोषणा किया. इस बार साउथ के सुपरस्टार रजनीकांत को दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा जाएगा. कोरोना वायरस की वजह से इस बार सभी पुरस्कारों को घोषणा देरी से हुई है.
प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आज इस साल का दादा साहब फाल्के अवॉर्ड महान नायक रजनीकांत को घोषित करते हुए हमें बहुत खुशी है. रजनीकांत बीते 5 दशक से सिनेमा पर राज कर रहे हैं. ये सिलेक्शन इस साल ज्यूरी ने किया है. इस ज्यूरी में आशा भोंसले, मोहनलाल, विश्वजीत चटर्जी, शंकर महादेवन और सुभाष घई जैसे कलाकार शामिल रहे हैं.
मुझे इस बात की अत्यंत खुशी है कि 2019 का दादासाहेब फ़ाल्के अवार्ड रजनीकांत को मिला है।
5 सदस्यों की ज्यूरी @ashabhosle @SubhashGhai1 @Mohanlal @Shankar_Live #BiswajeetChatterjee ने एकमत से इसकी सिफारिश की है।
प्रकाश जावड़ेकर ने बताया है कि रजनीकांत को 51वां दादा साहब फाल्के अवार्ड 03 मई 2021 को दिया जाएगा. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडे़कर ने कहा कि सिनेमा में शानदार योगदान के लिए अभी तक ये अवार्ड 50 बार अलग-अलग हस्तियों को दिया जा चुका है. अब 51वां अवार्ड सुपरस्टार रजनीकांत को दिया जाएगा.
रजनीकांत ने 25 साल की उम्र में अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की. उनकी पहली तमिल फिल्म ‘अपूर्वा रागनगाल’ थी. इस फिल्म में उनके साथ कमल हासन और श्रीविद्या भी थीं. उन्होंने 1975 से 1977 के बीच ज्यादातर फिल्मों में कमल हासन के साथ विलेन की भूमिका ही की. लीड रोल में उनकी पहली तमिल फिल्म 1978 में ‘भैरवी’ आई. ये फिल्म काफी हिट रही और रजनीकांत स्टार बन गए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दादा साहेब फाल्के पुरुस्कार का सम्मान पाने वाले अभिनेता रजनीकांत को इस उपलब्धि की बधाई दी है. पीएम मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है, ‘कई पीढ़ियों तक लोकप्रिय रहे, एक ऐसे शख्स जो कई तरह की भूमिकाएं निभा सकते हैं और लोकप्रिय हैं. यह बेहद खुशी की बात है कि ‘थलाइवा’ को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
Popular across generations, a body of work few can boast of, diverse roles and an endearing personality…that’s Shri @rajinikanth Ji for you.
It is a matter of immense joy that Thalaiva has been conferred with the Dadasaheb Phalke Award. Congratulations to him.
रजनीकांत का जन्म 12 दिसंबर 1950 को बेंगलुरू के मराठी परिवार में हुआ था. रजनीकांत 12वें दक्षिण भारतीय हैं जिन्हें यह अवॉर्ड मिला है. इससे पहले डॉ. राजकुमार, अक्कीनेनी नागेश्वर राव, के बालाचंदर जैसे लोगों को यह पुरस्कार दिया जा चुका है.
गरीब परिवार में जन्मे रजनीकांत ने अपनी मेहनत और कड़े संघर्ष के बाद टॉलिवुड में खास मुकाम हासिल किया. रजनीकांत को दक्षिण सिनेमा में ‘थलाइवा’ यानी भगवान का दर्जा दिया जाता है. रजनीकांत कई बॉलीवुड फिल्मों में भी नज़र आए हैं. जैसे-चालबाज, अंधा कानून, कबाली, द रोबोट, त्यागी, खून का कर्ज, दोस्ती दुश्मनी, इंसाफ कौन करेगा इत्यादि.
दादा साहब फाल्के पुरस्कार भारत सरकार की तरफ से दिया जाने वाला एक वार्षिक पुरस्कार है. यह पुरस्कार किसी व्यक्ति विशेष को भारतीय सिनेमा में उसके आजीवन योगदान के लिए दिया जाता है. इस पुरस्कार का प्रारम्भ दादा साहब फाल्के के जन्म शताब्दि-वर्ष 1969 से हुआ था. उस वर्ष राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार के लिए आयोजित 17वें समारोह में पहली बार यह सम्मान अभिनेत्री देविका रानी को प्रदान किया गया. तब से अब तक यह पुरस्कार लक्षित वर्ष के अंत में अथवा अगले वर्ष के आरम्भ में ‘राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार’ के लिए आयोजित समारोह में प्रदान किया जाता है. वर्तमान में इस पुरस्कार में 10 लाख रुपये और स्वर्ण कमल दिये जाते हैं.
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