उत्तर प्रदेश (यूपी) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्ग दर्शन में साल 2022 तक उत्तर प्रदेश में हर गरीब के पास सिर ढकने को अपना आवास होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन की सुगमता में आवास, बिजली, शुद्ध पेयजल, स्वास्थ्य सुविधाएं, स्कूली शिक्षा और नज़दीकी रोज़गार की ज़रूरत को पूरा करने में केंद्र व राज्य सरकारें कार्य कर रही हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना एक सफलतम योजना है. इसमें शहरी क्षेत्र के पात्र लोगों को 2.5 लाख रुपये दिए जाते हैं. केंद्र सरकार 1.5 लाख देती है और राज्य सरकार 1 लाख रुपये देती है. प्रदेश में गत चार साल में जनता की मांग के अनुरूप पर्याप्त संख्या में आवास उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के मानबेला में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लाभार्थियों को आवास प्रमाण पत्र सौंपने के लिए आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने बताया कि शहरी क्षेत्र में 18 लाख तथा ग्रामीण क्षेत्र में 22 लाख, कुल 40 लाख आवास दिए गए हैं. इस योजना में व्यक्तिगत लाभार्थियों को भी 2.5 लाख रुपये मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि पत्रकारों, अधिवक्ताओं, शिक्षकों आदि के साथ कामगारों को भी आवास की सुविधा से लाभान्वित किया जा रहा है. अब कोई मजदूर फुटपाथ पर सोने को मजबूर नहीं होगा. उसे अपने मकान में सम्मान के साथ भोजन मिलेगा.
प्रधानमंत्री आवास योजना से लाखों लोगों के जीवन में सुखद परिवर्तन लाने में मदद मिली है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन भी इसी तरह की महत्वपूर्ण योजना है जिससे लोगों को शुद्ध पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी. मुख्यमंत्री ने मानबेला के लोगों से खुद को जोड़ते हुए कहा कि मानबेला का क्षेत्र पहले विवादित क्षेत्र था. मानबेला के आंदोलन से जुड़े कई लोग यहां उपस्थित हैं.
केंद्रीय शहरी कार्य आवास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में पूरे देश में उत्तर प्रदेश के आंकड़े सर्वश्रेष्ठ हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने 2022 तक हर भारतीय के पास अपना आवास होने का लक्ष्य रखा है. साल 2014-15 के बीच इसके लिए 1 करोड़ आवास बनाने की जानकारी हुई जिसे पुनरीक्षित कर 1.12 करोड़ कर दिया गया. जून 2015 में आरंभ इस योजना में 1.11 करोड़ आवासों को सैंक्शन कर दिया गया है.
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